युवक ने शपथ छोड़कर स्वर्ण पदक के लिए करता रहा संघर्ष
पार्षद की शपथ छोड़कर स्वर्ण पदक के लिए संघर्ष करते रहे समित बिष्ट जो कि श्रीनगर वार्ड 31 से पार्षद है। सुमित बिष्ट का यह समर्पण और संघर्ष वास्तव में काबिले तारीफ है। अपने कर्तव्यों और खेल दोनों को समान महत्व देना आसान नहीं होता, लेकिन उन्होंने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से सब कुछ संभव है। उनका राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करना और पदक जीतने के लिए संघर्ष करना न केवल उनके वार्ड बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इसके साथ ही, अपने वार्ड की बेहतरी के लिए उनकी प्राथमिकताएँ—जल निकासी, सफाई व्यवस्था और अन्य विकास कार्य—यह दर्शाती हैं कि वे जनसेवा के प्रति भी उतने ही समर्पित हैं। ऐसे युवा नेताओं और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है, क्योंकि वे न केवल खेल जगत बल्कि समाज सेवा में भी नई मिसाल कायम कर रहे हैं। सुमित बिष्ट को ढेरों शुभकामनाएँ वे अपने खेल और जनसेवा, दोनों में सफलता प्राप्त करें