दिनांक 15 मार्च 2025, शनिवार को 5/8 जी आर (सिरमूर राइफल्स) पूर्व सैनिक संगठन देहरादून के रिटायर्ड आफिसर्ज़, जे सी ओज, जवान व वीर नारियों के परिवारों ने प्रत्येक वर्ष की भांतिबटालियन का 84 वां स्थापना दिवस दून सैनिक इंस्टिट्यूट गढी कैण्टदेहरादून में धूमधाम से मनाया। इस वर्ष बडी संख्या में नेपाल से भी बटालियन के पूर्व सैनिक तथा उनके परिवार बटालियनका स्थापना दिवस मनाने देहरादून आये। सर्वप्रथम संगठन के सभी रिटायर्ड आफिसर्स जेसी ओज तथा उनके परिवार ने गढी कैण्टस्थित विश्वयुद्ध स्मारकलाल गेट पर विभिन्न युद्धों में शहीद हुये बटालियन के गोरखा सैनिकों की याद में पुष्पांजली अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। इसके पश्चात सभी पूर्वसैनिकदून सैनिकइंस्टीट्यूट मे एकत्र होकर स्थापना दिवस केक काट कर कार्यक्रम का आरंभ किया। समारोहका संचालन संगठन के उपाध्यक्ष सुबेदार दिपक सिंह थापा ने किया। संगठनके अध्यक्ष आनरेरी केप्टन तिलकराज गुरुंग (से नि) नेनेपाल से आये पूर्व सैनिकों का स्वागत किया। सगठन के मुख्यसंरक्षक मेजर जनरल वाईएस रावत, एवी एस एम एस एम ने इस अवसर पर सभी पूर्व सैनिकों तथा उनके परिवार को स्थापना दिवस की शुभ कामना प्रदान करते हुये ।
इस बटालियन की स्थापना 15 मार्च 1941 को 2nd King Edward VII sOwn Goorkha Rifles (Sirmoor Rifles) द्वितीय किंग एडवर्डसप्तम की अपनीगोरखा राईफल्स (सिरमूरराइफल्स) चौथीबटालियन के तौरपर लेफ्टिनेण्टकर्नल ओ डी टी लोवेट् ने देहरादून में किया गया था। अपनी स्थापना के तुरन्त बाद जुन 1945 को इस बटालियन ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा अभियान में हिस्सा लेकर जापानियों के कब्जे से बर्मा के तानबिनगान नामक गाँव जो कि शत्रु का एक अभेद्य गढ़ था, को छीन कर उस पर कब्जा किया था।
देश की स्वतन्त्रता के पश्चात इस बटालियन को 17 फरवरी 1948 को आठ गोरखा राईफल्स की पाँचवी बटालियन 5/8 जी आर (सिरमूर रायफल्स) के रूप में पुनर्नामकरण किया गया। बटालियन ने विभिन्नयुद्धों में अदम्य साहस तथा वीरता का परिचय देते हुए बहुत सेमेडल तथा अवार्ड प्राप्त किये।
भारत-पाक युद्ध-1971 (आपरेशन कैक्टस लिली) इस आप्रेशन के दौरान बटालियन के तत्कालीन कमांडिंग अफसर लेप्टिनेण्ट कर्नल ए एस कलकट के नेतृत्व में छम्ब ब्रिज के पूर्वी हिस्से को पुनः कब्जे में लेने का कार्य सौंपा गया। जिसके लिए बटालियनने सफलता पूर्वक छम्ब सेक्टर में प्वाइंट 303, आर्टी गन पोजिशन, गुरहा और धड़ क्षेत्र में कांउटर अटैक कर अपने कब्जे में किया। बटालियन की बहादुरी के लिए इस युद्ध में तीन वीरचक्र, तीनविशिष्ट सेवा मेडल, औरतीनमेशन-इन-डिस्पैच प्रदान किए गए। इतना ही नही बटालियन ने पश्चिमी अफ्रिका के सिरालिओनमें सयुंक्त राष्ट्र शांति सेना केतौर भी” आप्रेशन खुकरी” द्वारा विद्रोहियों पर विजय प्राप्त किया।
देश की रक्षा के अतिरिक्त बटालियन ने खेल के क्षेत्र में भी बहुत नाम कमाया है। बटालियन के दो खिलाड़ियों को बाक्सिंग और आर्चरी में उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवार्ड प्रदान किया जा चुका है। बटालियन के सुबेदारतरुणदीप राईको वर्ष2018 में खेलरत्नतथा2021 में आर्चरी में ओलम्पिक खेलों में पदक जितने परराष्ट्र के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान” पदमश्री से सम्मानित कियागया । कार्यक्रम के दौरान नेपाल से आये पूर्वसैनिकों तथाउनके परिवारों को स्मृतिचिन्ह तथा शाल भेंट कियागया। संगठन ने अपने वीर नारियों को भी शाल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। समारोह में संगठन के चीफ पेट्रोन बटालियन के पूर्व कमान अधिकारी मेजर जनरल वाई एस रावत, एवी एस एम एस एम, कर्नल के पीएस खाती, कर्नल शशी राना, लेफ्टिनेण्ट कर्नलनारायण सिंह थापा, लेफ्टिनेण्ट कर्नल युवराज लामा, लेफ्टिनेण्ट कर्नल ए के थापा, संगठन के अध्यक्ष आनरेरी कप्तान तिलकराज गुरंग,
आनरेरी कप्तान प्रेम फुला थापा, सुबेदार इम बहादुर थापा बटालियन के पूर्व सुबेदार मेजर एवं आनरेरी लेफ्टिनेण्ट राम सिंह थापा, सुबेदार मेजर जीत बहादुर गुरुंग, सुबेदार नेजर राम सिंह बुराथोकी, पूर्व सुबेदार मेजर एवं आनरेरी केप्टन प्रेम बहादुर रोका, पूर्व सुबेदार मेजर एवं आनरेरी केप्टन राम सिंह विष्ट, आनरेरी केप्टन रोविन राना, एसएम सुबेदार मेजर गंगा बहादुरगुरुंग, सुबेदार मेजर सुरेन्दर सिंह थापा सुबेदार कुबा सिंह थापा, सुबेदार कमल गुरुंग पंकज पुन, आनरेरी नायब सुबेदार धन बहादुर थापा नायक अर्जुन सिंह राना आदि उपस्थित थे। नपोखरा नेपाल से पोखरा सिरमूर राइफल्स भूपू परिवार के अध्यक्ष आनरेरी केप्टन भुपर जंग गुरुंग, आ सुबेदार मेजर धन प्रसाद शर्मा, सुबेदार छबिलाल राना, सुबेदार तिलक सिंह राना आदि शामिल थे।