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किताब कौथिक रद्द होने पर उपजिलाधिकारी श्रीनगर ने कही ये बात 

जनपद पौड़ी के श्रीनगर में किताब कौथिग की अनुमति निरस्त करने के सम्बन्ध में आयोजकों की ओर से लगाए जा रहे आरोपों को तहसील प्रशासन ने निराधार बताया है। प्रशासन का कहना है कि कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया में भ्रान्ति फैलाने की कोशिश की जा रही है, जो उचित नहीं है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को 15 और 16 फरवरी को जनजागरण कार्यक्रम श्रीनगर के रामलीला मैदान में कराने की अनुमति विधिवत रूप से दी गई है। इस पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है। उपजिलाधिकारी श्रीनगर श्रीमती नूपुर वर्मा का कहना है कि किताब कौथिग के आयोजकों की ओर से उनके समक्ष 12 फरवरी तक कोई भी आवेदन इससे संबंधित प्रस्तुत नहीं किया गया है, इसलिए आवेदन निरस्त किए जाने की बात भी निराधार है। श्रीनगर में 15 और 16 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित होने से इन तिथियों में यहां किताब कौथिग की अनुमति नहीं दी गई। आरएसएस की ओर से इस मैदान में कार्यक्रम के लिए पूर्व में आवेदन किया गया था। उपजिलाधिकारी की ओर से एसएचओ श्रीनगर से सभी आवश्यक बिंदुओं पर आख्या मांग लिए जाने के बाद संघ को रामलीला मैदान में कार्यक्रम के आयोजन के लिए 10 फरवरी को अनुमति दे दी गई। पूर्व में  राजकीय बालिका इंटर कॉलेज खिर्सू में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पुलिस भर्ती परीक्षा प्रस्तावित होने के कारण विद्यालय प्रशासन की ओर से यहां किताब कौथिग के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई। आयोजकों की ओर से 09, 10 और 11 जनवरी को विद्यालय से विद्यालय में आयोजन के लिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने आयोग की परीक्षा की पूर्व तैयारी और सुरक्षा कारणों के चलते अनुमति नहीं दी थी।

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